Monday, August 15, 2016

मोहिनी

📌 🍵 मोहिनी 🍵📌

चाँदनी की चाह में
मैने कहाँ दोस्तसे ,
मै भी तो चाँद की तरह हूँ
माना की दाग है चेहरे पे
लेकिन दिलसे साफ हूँ
वक्त वक्त पे अपना काम करता हूँ
जैसे रात मे सूरज का काम करता हूँ ॥

वो बडे प्यारसे बोला,
माना तु चाँद है
दिल तेरा साफ है
लेकिन जेब तेरी खाली है
तु बिन बगीचे का माली है
और सुन मेरी बात
तेरे पास है सारा ज्ञान
लेकिन तु नही है सलमान
इसलिये तबीयत और जेबपे
दोस्त मेरे दे तु ध्यान ॥

यह २१वी सदी है भाई
यहा चाँदनी चाँद के पीछे नही
चंदे के पीछे होती है ॥

यूँ तो मैं रहता हूँ खामोश
लेकिन आज आया था जोश
सुनके लेकिन बाते यह
उड गये आज मेरे होश ॥

अब ना कोई चाँदनी
ना ही कोई रागिनी
सुबह शाम अब बस
खुलके पिओ चाय मोहिनी ॥

✍शशिकांत मा. बाबर
(बोररांजणी, जि.जालना)
📱९१३०६२०८३४

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