Tuesday, December 27, 2016

मेरा शब्द

*📋 मेरा शब्द...📋*

मेरा शब्द कह रहा है मुझसे
तु सचमे कितना मुर्ख है ।
लोग बातोंको टाल देते है
तुझे भला बुरा बोल देते है ॥

तु हस के भुल जाता है ।
जरासी हसी से खुल जाता है ॥

मै चुप रहा, कुछ न कह सका
लेकिन फिर सोचा, चलो जो हुँ अच्छा हुँ ।
बस दुनियादारीमे अभी बच्चा हुँ
लेकिन गर्व है की सच्चा हुँ ॥

वैसे भी लोग तो फायदा उठायेंगे ही
अगर बिखरा कभी तो यही मुझे जुटायेंगे भी .....

बस इसी उम्मीद पे मै
शब्दोसे लोग जोड लेता हुँ ।
लोगोंकी नफरत को
प्यार मे मोड देता हुँ ॥

शायद आज नही तो कल
समज जायेंगे वो भी मुझे ।
फिर मेरी सोच पे ये शब्द
सोचनाही पडेगा तुझे ..॥

*✍शशि...( शब्दोंको समझाते हुये ....)*

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